(Sandhi vichchhed)- संधि विच्छेद
संधि विच्छेद की परिभाषा-
संधि में पदों को मूल रूप में पृथक कर देना संधि विच्छेद हैैै। जैसे- धनादेश = धन + आदेश
यहाँ पर कुछ प्रचलित संधि विच्छेदों को दिया जा रहा है, जो की विद्यार्थियों के बड़े काम आएगी।
(अ, आ)
| अल्पायु = अल्प + आयु | अनावृष्टि = अन + आवृष्टि |
| अत्यधिक = अति + अधिक | अखिलेश्वर = अखि + ईश्वर |
| आत्मोत्सर्ग= आत्मा + उत्सर्ग | अत्यावश्यक = अति + आवश्यक |
| अत्युष्म =अति +उष्म | अन्वय=अनु +अय |
| अन्याय =अ+नि +आय | अभ्युदय=अभि +उदय |
| अविष्कार=आविः +कार | अन्वेषण=अनु +एषण |
| आशीर्वाद= आशीः+वाद | अत्याचार= अति+आचार |
| अहंकार =अहम् +कार | अन्वित=अनु+अय+इत |
| अभ्यागत= अभि +आगत | अम्मय= अप्+मय |
| अभीष्ट= अभि+इष्ट | अरण्याच्छादित= अरण्य+आच्छादित |
| अत्यन्त= अति+अन्त | अत्राभाव= अत्र+अभाव |
| आच्छादन= आ+छादन | अधीश्र्वर= अधि+ईश्र्वर |
| अधोगति= अधः+गति | अन्तर्निहित= अन्तः+निहित |
| अब्ज= अप्+ज | आकृष्ट= आकृष्+त |
| आद्यन्त= आदि+अन्त | अन्तःपुर= अन्तः+पुर |
| अन्योन्याश्रय =अन्य+अन्य+आश्रय | अन्यान्य =अन्य+अन्य |
| अहर्निश =अहः+निश | अजन्त =अच्+अन्त |
| आत्मोत्सर्ग =आत्म+उत्सर्ग | अत्युत्तम= अति+उत्तम |
| अंतःकरण= अंतः + करण | अन्तनिर्हित= अन्तः + निहित |
| अन्तर्गत= अन्तः + गत | अन्तस्तल = अंतः + तल |
| अंतर्ध्यान= अंत + ध्यान | अन्योक्ति= अन्य + उक्ति |
| अनायास= अन् + आयास | अधपका= आधा + पका |
| अनुचित= अन् + उचित | अनूप= अन् + ऊप |
| अनुपमेय= अन् + उपमेय | अन्तर्राष्ट्रीय= अन्तः + राष्ट्रीय |
| अनंग= अन् + अंग | अनन्त= अन् + अंत |
| अनन्य= अन् + अन्य | अतएव= अतः + एव |
| अध्याय= अधि + आय | अध्ययन= अधि + अयन |
| अधीश= अधि + ईश | अधीश्वर= अधि + ईश्वर |
| अधिकांश= अधिक + अंश | अधरोष्ठ= अधर + ओष्ठ |
| अवच्छेद= अव + छेद | अभ्यस्त= अभि + अस्त |
| अभ्यागत= अभि + आगत | अभिषेक= अभि + सेक |
| अस्तित्व= अस्ति + त्व | अहर्मुख= अहर + मुख |
| अहोरूप= अहः + रूप | अज्ञानांधकार= अज्ञान + अंधकार |
| आश्चर्य= आ + चर्य | आशोन्मुख= आशा + उन्मुख |
| आत्मावलम्बन= आत्मा + अवलम्बन | आध्यात्मिक= आधि + आत्मिक |
( इ, ई, उ, ऊ, ए )
| इत्यादि = इति + आदि | इतस्ततः= इतः + ततः |
| ईश्र्वरेच्छा =ईश्र्वर+इच्छा | उन्मत्त =उत् +मत्त |
| उपर्युक्त =उपरि +उक्त | उन्माद =उत् +माद |
| उपेक्षा =उप+ईक्षा | उच्चारण=उत् +चारण |
| उल्लास =उत् +लास | उज्ज्वल =उत् +ज्वल |
| उद्धार =उत् +हार | उदय =उत् +अय |
| उदभव=उत् +भव | उल्लेख =उत् +लेख |
| उत्रति =उत्+नति | उन्मूलित =उत्+मूलित |
| उल्लंघन=उत्+लंघन | उद्याम =उत्+दाम |
| उच्छ्वास =उत्+श्र्वास | उत्रायक =उत्+नायक |
| उन्मत्त=उत्+मत्त | उत्रयन =उत्+नयन |
| उद्धत =उत्+हत | उपदेशान्तर्गत =उपदेश+अन्तर्गत |
| उन्मीलित =उत्+मीलित | उद्योग=उत्+योग |
| उड्डयन =उत्+डयन | उद्घाटन = उत्+घाटन |
| उच्छित्र =उत्+छित्र | उच्छिष्ट =उत्+शिष्ट |
| उत्कृष्ट=उत्कृष् + त | उद्यान= उत् + यान |
| उत्तमोत्तम= उत्तम + उत्तम | उतेजना= उत् + तेजना |
| उत्तरोत्तर= उत्तर + उत्तर | उदयोन्मुख= उदय + उन्मुख |
| उद्वेग= उत् + वेग | उद्देश्य= उत् + देश्य |
| उद्धरण= उत् + हरण | उदाहरण= उत् + आहरण |
| उद्गम=उत् +गम | उद्भाषित= उत् + भाषित |
| उन्नायक= उत् + नायक | उपास्य= उप + आस्य |
| उपर्युक्त= उपरि + उक्त | उपयोगिता= उप + योगिता |
| उपनिदेशक= उप + देशक | उपाधि= उप + आधि |
| उपासना= उप + आसना | ऊहापोह= ऊह + अपोह |
| उपदेशान्तर्गत= उपदेश + अन्तः + गत | एकाकार= एक + आकार |
| एकाध= एक +आध | एकासन= एक + आसन |
| एकोनविंश= एक + उनविंश | एकान्त= एक + अंत |
| एकैक=एक+एक | कृदन्त=कृत् +अन्त |
(क, ग, घ )
| कल्पान्त =कल्प+अन्त | कुर्मावतार= कूर्म + अवतार |
| क्रोधाग्नि= क्रोध + अग्नि | कालांतर = काल + अंतर |
| कित्रर =किम्+नर | किंचित् = किम्+चित |
| कंठोष्ठय= कंठ + ओष्ठ्य | कपलेश्वर= कपिल + ईश्वर |
| कपीश= कपि + ईश | कवीन्द्र= कवि + इन्द्र |
| कवीश्वर= कवि + ईश्वर | कपीश्वर= कपि + ईश्वर |
| किंवा= किम् + वा | किन्तु= किम् + तु |
| कूपोदक= कूप + उदक | कुशाग्र= कुश + अग्र |
| कुशासन= कुश + आसन | कुसुमायुध= कुसुम + आयुध |
| कुठाराघात= कुठार + आघात | कोणार्क= कोण + अर्क |
| क्रोधान्ध= क्रोध + अंध | कोषाध्यक्ष= कोष + अध्यक्ष |
| कौमी= कौम + ई | कृतान्त= कृत + अंत |
| कीटाणु= कीट + अणु | खगासन= खग + आसन |
| खटमल= खाट + मल | गवीश= गो + ईश |
| गणेश= गण + ईश | गंगौघ= गंगा + ओघ |
| गंगोदक= गंगा + उदक | गंगैश्वर्य= गंगा + ऐश्वर्य |
| ग्रामोद्धार= ग्राम + उद्धार | गायन= गै + अन |
| गिरीन्द्र= गिरि + इन्द्र | गुडाकेश= गुडाका + ईश |
| गुप्पचति= गुब + पचति | गिरीश= गिरि + ईश |
| गुरुत्वाकर्षण= गुरुत्व + आकर्षण | गौरवान्वित= गौरव + अन्वित |
| घड़घड़ाहट= घड़घड़ + आहट | घनानंद= घन + आनंद |
| घुड़दौड़= घोड़ा + दौड़ |
(च, छ, ज )
| चतुरानन= चतुर + आनन | चतुर्भुज= चतुः + भुज |
| चन्द्रोदय=चन्द्र+उदय | चरणामृत=चरण+अमृत |
| चतुष्पाद= चतुः+पाद | चयन=चे+अन |
| चिकित्सालय=चिकित्सा+आलय | चिन्मय=चित्+मय |
| चतुर्दिक= चतुः + दिक् | चतुरंग= चतुः + अंग |
| चूड़ान्त= चूड़ा + अंत | चिन्ताक्रान्त= चिंता + आक्रान्त |
| छिद्रान्वेषी= छिद्र + अनु + एषी | छुटपन= छोटा + पन |
| छुटभैया= छोटा + भैया | जगदीन्द्र= जगत् + इन्द्र |
| जगज्जय= जगत् + जय | जगन्नियन्ता= जगत् + नियन्ता |
| जगद्बन्धु= जगत् + बन्धु | जनतैक्य= जनता + ऐक्य |
| जनतौत्सुक्य= जनता + औत्सुक्य | ज्योतिर्मठ= ज्योतिः + मठ |
| जलौघ= जल + ओघ | जानकीश= जानकी + ईश |
| जागृतावस्था= जागृत + अवस्था | जात्यभिमानी= जाति + अभिमानी |
| जीवनानुकूल= जीवन + अनुकूल | जीवनोपयोगी= जीवन + उपयोगी |
| जीवनोपार्जन= जीवन + उपार्जन | जीविकार्थ= जीविका + अर्थ |
| जीर्णोद्धार = जीर्ण + उद्धार | जगदीश= जगत्+ईश |
| जलोर्मि= जल+ऊर्मि | झड़बेरी= झाड़ + बेड़ |
| झंडोत्तोलन= झंडा + उत्तोलन | झगड़ालू= झगड़ा + आलू |
(ट, ठ, ड, ढ़ )
| टुकड़तोड़= टुकड़ा + तोड़ | टुटपूँजिया= टूटी + पूँजी |
| ठाढ़ेश्वरी= ठाढ़ा + ईश्वरी | ठकुरसुहाती= ठाकुर + सुहाना |
| डंडपेल= डंड + पेलना | डिठौना= डीठ + औना |
| ढँढोरिया= ढँढोरा + इया | ढकोसला= ढंक + कौशल |
(त, थ)
| तथैव =तथा +एव | तृष्णा =तृष +ना |
| तपोवन =तपः +वन | तल्लीन=तत्+लीन |
| तपोभूमि=तपः +भूमि | तेजोराशि=तेजः +राशि |
| तिरस्कार=तिरः +कार | तथापि =तथा +अपि |
| तेजोमय =तेजः +मय | तथास्तु = तथा + अस्तु |
| तमसावृत = तमसा + आवृत | तेजोपुंज =तेजः+पुंज |
| तद्रूप =तत्+रूप | तदाकार =तत्+आकार |
| तद्धित =तत्+हित | तद्रूप=तत्+रूप |
| तट्टीका=तत्+टीका | तेनादिष्ट=तेन+अदिष्ट |
| तज्जय= तत् + जय | तच्छरण= तत् + शरण |
| तच्छरीर= तत् + शरीर | तद्धवि= तत् + हवि |
| तदिह= तत् + इह | तदस्ति= तत् + अस्ति |
| तदाम्य= तत् + आत्म्य | तन्मय= तत् + मय |
| तत्त्व= तत् + त्व | तल्लय= तत् + लय |
| तच्छिव= तत् + शिव | त्वगिन्द्रय= त्वक + इन्द्रिय |
| तिरस्कृत= तिरः + कृत | तेऽपि= ते + अपि |
| तत्तनोति= तद + तनोति | तृष्णा= तृष् + ना |
| तेऽद्र= ते + अद्र | तेजआभास= तेजः + आभास |
| तस्मिन्नारमे= तस्मिन + आरामे | त्रिलोकेश्वर= त्रिलोक + ईश्वर |
| तदुपरान्त= तत् + उपरान्त | थनैला= थन + ऐला |
| थुक्काफजीहत= थूक + फजीहत |
(द )
| देवेन्द्र=देव +इन्द्र | दुर्नीति=दुः +नीति |
| दावानल=दाव+अनल | दिग्गज=दिक् +गज |
| दुर्धर्ष=दुः +धर्ष | दिग्भ्रम=दिक+भ्रम |
| दुर्दिन=दुः+दिन | दुर्वह=दुः+वह |
| देवर्षि=देव+ऋषि | दुनीति=दुः +नीति |
| दुर्ग=दुः +ग | दुश्शासन =दुः +शासन |
| दिगम्बर =दिक् +अम्बर | देवेश =देव +ईश |
| दुःस्थल =दुः +स्थल | दुस्तर =दुः +तर |
| देव्यागम=देवी +आगम | दुष्कर =दुः +कर |
| दुर्जन =दुः +जन | दोषारोपण = दोष + आरोपण |
| देहांत =देह+अंत | देवैश्र्वर्य=देव+ऐश्र्वर्य |
| देवालय=देव+आलय | दैव्यंग=देवी+अंग |
| दुष्परिणाम= दुः + परिणाम | दुर्बलता= दुः + बलता |
| दुर्घटना= दुः + घटना | देशान्तर= देश + अंतर |
| देशाभिमान= देश + अभिमान | देशानुराग= देश + अनुराग |
| देवैश्वर्य= देव + ऐश्वर्य | देवीच्छा= देवी + इच्छा |
| दैन्यावस्था= दैन्य + अवस्था | दैन्यादि= दैन्य + आदि |
| दृष्टि= दृष् + ति | दृष्टान्त= दृष्ट + अंत |
| दन्त्योष्ठ्य= दन्त + ओष्ठ्य | दिगन्त= दिक् + अंत |
| दिनेश= दिन + ईश | दिग्भाग= दिक् + भाग |
| दिग्हस्ती= दिक् + हस्ती | दुर्लभ= दुः + लभ |
| दुःखात्मक= दुख + आत्मक | दुर्बल= दुः + बल |
| दुरन्त= दुः + अंत | दुस्साहस= दुः + साहस |
| दुरुप्रयोग= दुः + उपयोग | दुष्कर्म= दुः + कर्म |
| दुःख= दुः + ख | दुःखान्त= दुःख + अंत |
| दुस्तर= दुः + तर | दुर्निवार= दुः + निवार |
( ध )
| धनान्ध= धन + अन्ध | धनुर्धर= धनुः + धर |
| धनुष्टंकार= धनुः + टंकार | धनित्व= धनिन + त्व |
| धर्मोपदेश= धर्म + उपदेश | धर्माधिकारी= धर्म + अधिकारी |
| ध्यानावस्थित= ध्यान + अवस्थित |
(न)
| नमस्कार=नमः +कार | नाविक =नौ +इक |
| निस्सन्देह =निः +सन्देह | निराधार =निः +आधार |
| निस्सहाय=निः +सहाय | निर्भर=निः +भर |
| निष्कपट=निः +कपट | नीरोग =निः +रोग |
| नयन =ने+अन | निश्छल=निः +छल |
| निरन्तर=निः +अन्तर | निर्गुण =निः +गुण |
| नायक=नै +अक | निस्सार =निः +सार |
| निर्मल=निः +मल | निस्तार =निः +तार |
| नीरव =निः +रव | नरोत्तम = नर + उत्तम |
| निम्नाकित= निम्न + अंकित | नारीश्र्वर=नारी+ईश्र्वर |
| नागाधिराज= नाग + अधिराज | नद्यूर्मि=नदी+उर्मि |
| निश्र्चिन्त=निः+चिन्त | निश्र्चय=निः+चय |
| निर्विकार=निः+विकार | निरुपाय=निः+उपाय |
| नद्यम्बु=नदी+अम्बु | नदीश=नदी+ईश |
| निस्सृत=निः+सृत | निरीक्षण =निः+ईक्षण |
| निष्काम=निः+काम | निरर्थक=निः+अर्थक |
| निष्प्राण=निः+प्राण | निरुद्देश्य=निः+उद्देश्य |
| निष्फल=निः+फल | निर्जल=निः+जल |
| नारायण=नार+अयन | न्यून=निः+ऊन |
| निश्र्चल=निः+चल | निरीह=निः+ईह |
| निषिद्ध=निः+सिद्ध | निर्विवाद=निः+विवाद |
| निर्झर=निः+झर | निश्शब्द =निः+शब्द |
| निष्कारण=निः+कारण | नीरव=निः+रव |
| निस्संतान=निः+संतान | नमस्ते=नमः+ते |
| नरेंद्र=नर+इंद्र | निराशा=निः+आशा |
| निराहार=निः+आहार | नारींदु=नारी+इंदु |
| नवोऽकुंर= नव + अंकुर | नरेश= नर + ईश |
| नास्ति= न + अस्ति | नवोढा= नव + उढ़ा |
| नष्ट= नष् + त | न्यून= नि + ऊन |
| नयनाभिराम= नयन + अभिराम | नद्यर्पण= नदी + अर्पण |
| निष्पाप= निः + पाप | निष्पक्ष= निः + पक्ष |
| निस्तांर= निः + तार | निर्धन= निः + धन |
| निर्माण= निः + मान | निर्दोष= निः + दोष |
| निस्तेज= निः +तेज | निर्घोषित= निः + घोषित |
| निर्भीकता= निः + भीकता | निरर्थ= निः + अर्थ |
| निरौषध= निः + औषध | निर्हस्त= निः + हस्त |
| निरिच्छा= निः + इच्छा | निराशा= निः + आशा |
| निश्छिद्र= निः + छिद्र | निषिद्ध= निः + सिद्ध |
| निरन्तर= निः + अंतर | निर्वासित= निः + वासित |
| निरेफ= निः + रेफ | निरन्ध्र= निः + रन्ध्र |
| निराधार= निः + आधार | निरक्षर= निः + अक्षर |
| निगमागम= निगम + आगम | निर्जीव= निः + जीव |
| निर्बल= निः + बल | निर्बलात्मा= निर्बल + आत्मा |
| निर्दोष= निः + दोष | निराकार= निः + आकार |
| निर्णय= निः + नय | निर्भर= निः + भर |
| निर्द्वन्द्व= निः + द्वन्द्व | निश्चित= निः + चित |
| निश्चय= निः + चय | निष्क्रिय= निः + क्रिय |
| निर्विरोध= निः + विरोध | न्यूनातिन्यून= न्यून + अति |
| नियमानुसार= नियम + अनुसार |
(प)
| परमार्थ= परम +अर्थ | पीताम्बर= पीत +अम्बर |
| परिणाम= परि+नाम | प्रमाण= प्र+मान |
| पयोधि= पयः+धि | पुस्तकालय= पुस्तक + आलय |
| प्रधानाध्यापक = प्रधान + अध्यापक | परोपकार = पर + उपकार |
| परमेश्र्वर = परम + ईश्र्वर | पदोन्नति = पद + उन्नति |
| प्रत्येक = प्रति + एक | परमावश्यक= परम + आवश्यक |
| प्रत्यक्ष = प्रति + अक्ष | प्रत्याघात = प्रति + अघात |
| पुलकावली = पुलक + अवलि | परन्तु =परम् +तु |
| पावक =पौ +अक | पुरुषोत्तम=पुरुष +उत्तम |
| पवन =पो +अन | पुरस्कार=पुरः +कार |
| परीक्षा=परि+ईक्षा | पयोद =पयः +द |
| परमौजस्वी=परम+ओजस्वी | पित्रादेश =पितृ+आदेश |
| पवित्र=पो+इत्र | प्रत्यय=प्रति+अय |
| पृष्ठ=पृष्+थ | प्रातःकाल=प्रातः+काल |
| पृथ्वीश=पृथ्वी+ईश | पावन=पौ+अन |
| पंचम=पम्+चम | प्रत्युत्तर=प्रति+उत्तर |
| पित्रिच्छा=पितृ+इच्छा | पुनर्जन्म=पुनः+जन्म |
| परिच्छेद=परि+छेद | प्रांगण=प्र+अंगण |
| प्रतिच्छाया=प्रति+छाया | प्रथमोऽध्यायः=प्रथमः+अध्यायः |
| परमौषध=परम+औषध | पुरुषोत्तम=पुरुष+उत्तम |
| पित्रनुमति=पितृ+अनुमति | पुनरुक्ति=पुनः+उक्ति |
| पश्र्वधम=पशु+अधम | प्रोत्साहन=प्र+उत्साहन |
| पुरोहित = पुरः+हित | परिष्कार=परिः+कार |
| पुनर्जन्म= पुनर +जन्म | परमैश्वर्य= परम + ऐश्वर्य |
| पच्छाक= पच + शाक | पदाक्रान्त= पद + आक्रान्त |
| परमाद्रि= परम + आद्रि | पराधीन= पर + अधीन |
| परमाणु= परम + अणु | परिच्छेद= परि + छेद |
| पर्यान्त= परि + आप्त | पश्वधम= पशु + अधम |
| पयोमन= पयः + मान | पंचांग= पंच + अंग |
| पितृऋण= पितृ + ऋण | पित्रादि= पितृ + आदि |
| पितारक्ष= पितः + रक्ष | पुरस्कृत= पुरः + कृत |
| पुनरुक्ति= पुनः + उक्ति | पुष्ट= पुष् + त |
| पुनरुत्थान= पुनः + उत्थान | पुनर्रचना= पुनः + रचना |
| प्रहार= प्र + हार | प्रत्याचरण= प्रति + आचरण |
| प्रतीत= प्रति + इत | प्रत्यारुयान= प्रति + आरुयान |
| प्रजार्थ= प्रजा + अर्थ | प्रत्यक्षात्मा= प्रत्यक्ष + आत्मा |
| प्रत्युपकार= प्रति + उपकार | प्रत्युत्पन्न= प्रति + उत्पन्न |
| प्रतिच्छवि= प्रति + छवि | प्रलयंकर= प्रलयम + कर |
| प्रार्थना= प्र + अर्थना | प्राणिमात्र= प्राणिन + मात्र |
| प्राणेश्वर= प्राण + ईश्वर | प्रोत्साह= प्र + उत्साह |
| प्रोज्ज्वल= प्र + उज्ज्वल | प्रौढ़= प्र + उढ़ |
( फ, ब )
| फलाहारी= फल + आहारी | फलागम= फल + आगम |
| बलात्कार= बलात् + कार | बहिर्देश= बहिः + देश |
| बहिर्भाग= बहिः + भाग | बिंबोष्ठय= बिंब + ओष्ठ्य |
| बृहद्रथ= बृहत् + रथ | ब्रह्मास्त्र= ब्रह्म + अस्त्र |
| ब्रह्मानन्द= ब्रह्म + आनन्द | ब्रह्मर्षि= ब्रह्म + ऋषि |
| बहिर्मुख= बहिः + मुख | बहिष्कार= बहिः + कार |
(भ)
| भवन =भो +अन | भोजनालय =भोजन +आलय |
| भानूदय=भानु+उदय | भाग्योदय =भाग्य +उदय |
| भावुक=भौ+उक | भूषण=भूष्+अन |
| भूष्मा=भू+ऊष्मा | भूत्तम=भू+उत्तम |
| भगवद्गीता= भगवत् + गीता | भरण= भर + अन |
| भारतेन्दु= भारत + इन्दु | भाविनी= भौ + इनी |
| भास्कर= भाः + कर | भास्पति= भाः + पति |
| भावोन्मेष= भाव + उन्मेष | भिन्न= भिद् + न |
| भूर्जित= भू + उर्जित | भूदार= भू + उदार |
| भगवद्भक्ति= भगवत् + भक्ति | भविष्यद्वाणी= भविष्यत् + वाणी |
(म )
| मुनीन्द्र=मुनि+इन्द्र | महीन्द्र=मही +इन्द्र |
| मृण्मय=मृत्+मय | मातृण=मातृ+ऋण |
| महोर्मि=महा+ऊर्मि | मतैक्य=मत+ऐक्य |
| महौज=महा+ओज | मन्वन्तर=मनु+अन्तर |
| महार्णव=महा+अर्णव | मनोयोग=मनः+योग |
| महौषध=महा+औषध | मध्वासव=मधु+आसव |
| मृगेन्द्र=मृग+इन्द्र | मनोऽनुकूल=मनः+अनुकूल |
| महेश्र्वर=महा+ईश्र्वर | महेन्द्र=महा+इन्द्र |
| देव्यर्पण=देवी+अर्पण | मंगलाकार= मंगल + आकार |
| मत्स्याकार = मत्स्य + आकार | मध्यावकाश = मध्य + अवकाश |
| महोदय= महा + उदय | मतानुसार= मत + अनुसार |
| महर्षि= महा + ऋषि | महोत्सव= महा + उत्सव |
| मरणोत्तर = मरण+उत्तर | मदांध= मद+अंध |
| महत्वाकांक्षा= महत्व+आकांक्षा | मनोगत= मनः+गत |
| महेश= महा+ईश | मनोविकार= मनः+विकार |
| महाशय= महा+आशय | मनोज= मनः+ज |
| मनोरथ=मनः +रथ | मनोहर= मनः+हर |
| मनोभाव= मनः+भाव | महर्षि= महा+ऋषि |
| महैश्र्वर्य= महा+ऐश्र्वर्य | मनोबल= मनः+बल |
| मकराकृत= मकर + आकृत | मतैक्ता= मत + एकता |
| मनस्पात= मनः + ताप | मनोरंजन= मनः + रंजन |
| मनोवैज्ञानिक= मनः + वैज्ञानिक | मनोऽनुसार= मनः + अनुसार |
| मनोनीत= मनः + नीत | मनोऽवधान= मनः + अवधान |
| महच्छत्र= महत् + छत्र | महात्मा= महा + आत्मा |
| महत्व= महत् + त्व | महदोज= महत् + ओज |
| महीश्वर= मही + ईश्वर | महालाभ= महान + लाभ |
| महोरु= महा + ऊरु | महौज= महा + ओज |
| महौदार्य= महा + औदार्य | महौषधि= महा + औषधि |
| मायाधीन= माया + अधीन | मातृऋण= मातृ + ऋण |
| मात्रानन्द= मातृ + आनन्द | मुनीश्वर= मुनि + ईश्वर |
| मन्त्रोच्चारण= मंत्र + उत् + चारण | महामात्य= महा + अमात्य |
(य )
| यथेष्ट= यथा + इष्ट | यद्यपि= यदि + अपि |
| यशोऽभिलाषी= यशः+अभिलाषी | योजनावधि = योजन + अवधि |
| युगानुसार= युग+अनुसार | यथोचित = यथा +उचित |
| यशइच्छा=यशः +इच्छा | यशोदा =यशः+दा |
| युधिष्ठिर =युधि+स्थिर | यशोधरा=यशः+धरा |
| यशोधन=यशः+धन | यवनावनि= यवन + अवनि |
| यज्ञ= यज + न | यशोलाभ= यशः + लाभ |
| योऽसि= यो + असि |
( र, ल )
| रत्नाकर= रत्न+आकर | राजर्षि= राज+ऋषि |
| रहस्योदघाटन = रहस्य + उद्घाटन | राज्यगार= राज्य + आगार |
| राज्याभिषेक= राज्य + अभिषेख | रमेश =रमा+ईश |
| रामायण=राम +अयन | रवींद्र= रवि+इंद्र |
| रजकण= रजः + कण | रसातल= रसा + अतल |
| रसास्वादन= रस + आस्वादन | राजाज्ञा= राजा + आज्ञा |
| रामावतार= राम + अवतार | रुद्रावतार= रूद्र + अवतार |
| रेखांश= रेखा + अंश | रसायन= रस + अयन |
| रहस्याधिकारी= रहस्य + अधिकारी | लक्ष्मीश= लक्ष्मी + ईश |
| लोकोक्ति = लोक + उक्ति | लघूर्मि=लघु+ऊर्मि |
| लोकोत्तर= लोक + उत्तर | लोकोपकार= लोक + उपकार |
| लम्बोदर= लम्ब + उदर |
( व )
| वागीश= वाक्+ईश | वीरांगणा= वीर+अंगना |
| वाग्जाल= वाक्+जाल | विपज्जाल= विपद्+जाल |
| व्युत्पत्ति=वि+उत्पत्ति | व्यर्थ=वि +अर्थ |
| विद्योत्रति=विद्या+उत्रति | वयोवृद्ध=वयः+वृद्ध |
| व्याप्त=वि +आप्त | बहिष्कार=बहिः+कार |
| विद्यालय = विद्या + आलय | विद्याध्ययन= विद्या + अध्ययन |
| विद्दोत्मा = विद्या + उत्तमा | वधूत्सव =वधू +उत्सव |
| व्ययामादी= व्यायाम + आदि | व्यायाम=वि +आयाम |
| वसुधैव=वसुधा +एव | व्याकुल=वि +आकुल |
| विद्यार्थी= विद्या+अर्थी | विषम=वि+सम |
| विधूदय=विधु+उदय | वनौषधि=वन+ओषधि |
| वधूत्सव=वधू+उत्सव | वधूर्जा=वधू+ऊर्जा |
| वधूल्लेख=वधू+उल्लेख | वध्वैश्र्वर्य=वधू + ऐश्र्वर्य |
| वधूर्मिका= वधू + उर्मिका | वनस्पति= वनः + पति |
| व्यस्त= वि + अस्त | व्यवहार= वि + अवहार |
| व्यभिचार= वि + अभिचार | व्यापकता= वि + आपकता |
| व्यापी= वि + आपी | व्यापक= वि + आपक |
| वार्तालाप= वार्ता + आलाप | वातावरण= वात + आवरण |
| वाग्रोध= वाक् + रोध | वारीश= वारि + ईश |
| वाग्दान= वाक् + दान | विच्छेद= वि + छेद |
| विद्योपदेश= विद्या + उपदेश | विन्यास= वि + नि + आस |
| विमलोदक= विमल + उदक | विपल्लीन= विपद् + लीन |
| विश्वामित्र= विश्व + अमित्र | वधूचित= वधू + उचित |
| विस्मरण= वि + स्मरण | वृद्धावस्था= वृद्ध + अवस्था |
| वृक्षच्छाया= वृक्ष + छाया | वृहदाकार= वृहत् + आकार |
| विशेषोन्मुख= विशेष + उन्मुख | विरुदावली= विरुद + अवली |
(श, ष, स )
| शंकर =शम् +कर | शिरोमणि=शिरः +मणि |
| शशांक= शश+अंक | शस्त्रास्त्र=शस्त्र+अस्त्र |
| शताब्दी= शत + अब्दी | शरच्चंद्र= शरत् + चन्द्र |
| शिलारोपण= शिला + आरोपण | शुद्धोदन= शुद्ध + ओदन |
| शेषांश= शेष + अंश | शीघ्रातिशीघ्र= शीघ्र + अतिशीघ्र |
| श्वासोच्छवास= श्वास + उत् | षोडशोपचार= षोडस + उपचार |
| सदहस्ती= सत् + हस्ती | संतुष्ट= सम् + तुष्ट |
| संदेह= सम् + देश | संघर्ष= सम् + घर्ष |
| समाचार= सम् + आचार | संकट= सम् + कल्प |
| समालोचना= सम् + आलोचना | सर्वोच्च= सर्व + उच्च |
| सम्मुख= सम् +मुख | सत्कार= सत् + कार |
| सद्गुरु= सत् +गुरु | सज्जन=सत् +जन |
| संसार=सम् +सार | सदाचार= सत् +आचार |
| संयम= सम+यम | स्वाधीन= स्व+अधीन |
| साश्र्चर्य= स+आश्र्चर्य | सावधान= स+अवधान |
| सच्चरित्र= सत+चरित्र | सदभाव=सत+भाव |
| सन्धि=सम+धि | स्वर्ग= स्वः+ग |
| शुद्धोदन= शुद्ध+ओदन | स्वार्थ= स्व+अर्थ |
| सदभावना= सत+भावना | सच्छास्त्र=सत्+शास्त्र |
| संचय=सम+चय | संवाद=सम् +वाद |
| सीमान्त=सीमा+अंत | सप्तर्षि= सप्त+ऋषि |
| समन्वय= सम् +अनु +अय | सत्याग्रह= सत्य+आग्रह |
| संगठन= सम+गठन | सद्विचार=सत्+विचार |
| समुच्चय= सम+उत्+चय | सर्वोदय= सर्व+उदय |
| संकोच= सम् + कोच | श्रेयस्कर=श्रेयः +कर |
| सुरेन्द्र= सुर+इन्द्र | सदानन्द= सत्+आनन्द |
| सद्धर्म= सत्+धर्म | संकल्प= सम् +कल्प |
| संयोग= सम् +योग | संयम =सम् +यम |
| संवत्= सम+वत् | साष्टाग= स+अष्ट+अंग |
| सर्वोत्तम= सर्व+उत्तम | सत्रिहित= सत्+निहित |
| समुदाय= सम+उत्+आय | सूर्योदय= सूर्य+उदय |
| सदवाणी= सत्+वाणी | स्वयम्भूदय= स्वयम्भू+उदय |
| संतप्त= सम् + तप्त | षड्दर्शन= षट्+दर्शन |
| स्वाध्याय= स्व + अध्याय | सर्वाधिक = सर्व + अधिक |
| सर्वोच्च= सर्व + उच्च | सत्याग्रही = सत्य + आग्रही |
| स्वाभिमानी = स्व + अभिमानी | सर्वोत्तम= सर्व + उत्तम |
| स्वालंबन = स्व + अवलंबन | स्वर्णाक्षरों = स्वर्ण + अक्षरों |
| स्वाध्याय = स्व + अध्याय | स्वाधीनता= स्व + आधीनता |
| सत्याग्रह = सत्य + आग्रह | शरीरांत= शरीर + अंत |
| सदुत्तर= सत् + उत्तर | स्वागत =सु+आगत |
| सन्तोष=सम् +तोष | सरोज =सरः +ज |
| सद्वंश= सत् + वंश | सरोवर =सरः +वर |
| सतीश =सती +ईश | सदैव =सदा +एव |
| षडानन= षट्+आनन | षण्मास= षट्+मास |
| संकल्प= सम् +कल्प | संपूर्ण= सम्+पूर्ण |
| संबंध= सम् +बंध | संरक्षण= सम्+रक्षण |
| संवाद= सम्+वाद | संविधान= सम्+विधान |
| संसार= सम्+सार | सज्जन= सत्+जन |
| सम्मान= सम्+मान | सम्मति= सम्+मति |
| स्वच्छंद= स्व +छंद | स्वागत= सु+आगत |
| सन्नद= सत् +नद | संहारैषण= संहार + एषण |
| समीक्षा= सम् + ईक्षा | समुचित= सम् + उचित |
| संस्कृति= सम् + कृति | संगीत= सम् + गीत |
| संगठन= सम् + गठन | संदेह= सम् + देह |
| सन्तान= सम् +तान | सदुप्रयोग= सत् +उपयोग |
| संसर्ग= सम् + सर्ग | सत्यासक्त= सत्य + आसक्त |
| सर्वोदय= सर्व + उदय | समाधान= सम् + आधान |
| सदिच्छा= सत् + इच्छा | समालोचक= सम् + आलोचक |
| सतीच्छा= सती + इच्छा | सदवतार= सत् + अवतार |
| सत्कार= सत् + कार | सम्राज = सम् + राज |
| संकीर्ण= सम् + कीर्ण | संयोग= सम् + योग |
| संभव= सम् + भव | संयुक्त= सम् + युक्त |
| संग्राम= सम् + ग्राम | सहायतार्थ= सहायता + अर्थ |
| सज्जन= सत् + जन | सत्साहित्य= सत् + साहित्य |
| संलग्न= सम् + लग्न | संघाराम= संघ + आराम |
| सर्वोपरि= सर्व + उपरि | सर्वागीण= सर्व + अंगीन |
| सारांश= सार + अंश | साश्चर्य= स + आश्चर्य |
| साग्रह= स + आग्रह | सावधान= स + अवधान |
| साधूहा= साधु + उहा | सिद्धांत= सिद्ध + अन्त |
| सिहांसन= सिंह + आसन | सुधेच्छा= सुधा + इच्छा |
| सुन्दरौदन= सुन्दर + ओदन | सुरानुकूल= सुर + अनुकूल |
| सेवार्थ= सेवा + अर्थ | सोत्साह= स + उत्साह |
| सोऽहम= सः + अहम् | स्वार्थ= स्व + अर्थ |
| स्वेच्छा= स्व + इच्छा | सहोदर= सह + उदर |
| सम्मति= सम् + मति | स्वैर= स्व + ईर |
| स्वाधीन= स्व + अधीन | सज्जाति= सत् + जाति |
| समुदाय= सम् + उदाय | समुद्रोर्मि= समुद्र + उर्मि |
| समृद्धि= सम् + ऋद्धि | सख्युचित= सखी + उचित |
| सच्छात्र= सत् + शास्त्र | संभव= सम् + भव |
| संपूर्ण= सम् + पूर्ण | संक्रान्ति= सम् + क्रान्ति |
| संहार= सम् + हार | संवत्= सम् + वत् |
| संसार= सम् + सार | संपर्क= सम् + पर्क |
| सन्धि= सम् + धि | संगम= सम् + गम |
| संकोच= सम् + कोच | संचय= सम् + चय |
| स्थानान्तर= स्थान + अंतर | स्वच्छन्द= स्व + छन्द |
| स्वात्मबल= स्व + आत्मबल | सुखोपभोग= सुख + उपभोग |
| साभिलाष= स + अभिलाष | सावकाश= स + अवकाश |
| सम्मानास्पद= सम् + मान + आस्पद | संग्रहालय= सम् + ग्रह + आलय |
| सदसद्विवेकिनी= सत् + असत् + विवेकिनी | सच्चिदानन्द= सत् + चित् + आनन्द |
| सर्वतोभावेन= सर्वतः + भावेन | स्वर्गारोहण= स्वर्ग + आरोहण |
| स्वेच्छाचारी= स्वेच्छा + आचारी |
(ह, ज्ञ )
| हिमांचल = हिम + अंचल | हिमालय= हिम + आलय |
| हरिश्चन्द्र= हरिः + चन्द्र | ह्रदयानन्द= ह्रदय + आनन्द |
| हताश= हत + आश | हितोपदेश= हित + उपदेश |
| हरीच्छा= हरि + इच्छा | ह्रदयहारिणी= ह्रदय + हारिणी |
| हिमाच्छादित= हिम + आच्छादित | हरेक= हर + एक |
| ज्ञानोपदेश= ज्ञान+उपदेश | हृद्येश= हृद् + देश |
0 Comments