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नए स्मार्टफोन की खरीदारी से पहले इन 10 बातों का रखें ध्यान

 

नए स्मार्टफोन की खरीदारी से पहले इन 

10 बातों का रखें ध्यान

टिप्स और ट्रिक्स

स्मार्टफोन की खरीदारी में आपको साॅफ्टवेयर और हार्डवेयर सहित कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है जिससे कि आप एक सही और बेहतर फोन का चुनाव कर सकें। आगे हमने फोन खरीदारी से पहले ऐसे ही 10 जरूरी बातों की जानकारी दी ह

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जिस तरह से आज फोन की उपयोगिता बढ़ रही है वैसे में आम उपभोक्ता हमेशा यह सवाल करता नजर आता है कि कौन सा फोन लिया जाए जो उसकी जरूरत को पूरी कर सके। क्योंकि अक्सर लोग स्मार्टफोन के नाम पर केवल स्टाइलिश लुक देखकर खरीद लेते हैं लेकिन बाद में उस पर पछतावा होता है। जबकि स्मार्टफोन की खरीदारी में आपको साॅफ्टवेयर और हार्डवेयर सहित कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है जिससे कि आप एक सही और बेहतर फोन का चुनाव कर सकें। ऐसा फोन जो आपकी जरूरतों को पूरी कर सके न कि आपके लिए समस्या बन जाए। आगे हमने फोन खरीदारी से पहले ऐसे ही 10 जरूरी बातों की जानकारी दी है। 

1. आॅपरेटिंग सिस्टम


स्मार्टफोन खरीदने के वक्त सबसे पहले आप ध्यान दें कि जरूरत क्या है। आप एक आसान, सस्ता और बेहतर स्मार्टफोन लेना चाहते हैं या फिर एक सिक्योर आॅपरेटिंग सिस्टम। आज बाजार में एंडराॅयड, विंडोज और आईओएस आॅपरेटिंग सिस्टम आधारित फोन उपलब्ध हैं। एंडराॅयड विश्व में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आॅपरेटिंग सिस्टम है जो हर बजट में उपलब्ध है। इस आॅपरेटिंग सिस्टम में एप और गेम बहुत ज्यादा हैं। वहीं खास बात यह कही जा सकती है कि फ्री एप्स की संख्या बहुत ज्यादा है। 

वहीं इसके बाद आईओएस आॅपरेटिंग सिस्टम का नाम आता है जो एप्पल आईफोन में उपलब्ध है। इसकी खासियत है कि यह बेहद ही सुरक्षित है और कई सालों तक नए आॅपरेटिंग का अपडेट मिलता है। इसमें भी एप काफी हैं लेकिन फ्री एप बेहद कम है। 

वहीं विंडोज आॅपरेटिंग सिस्टम आधारित फोन भी बाजार में उपलबध हैं। इनकी संख्या थोड़ी कम है और इनमें एप भी काफी कम हैं। इसकी खासियत है पीसी इंटीग्रेशन और माइक्रोसॉफ्ट एप्स। अर्थात फोन का विंडोज पीसी और लैपटॉप के साथ इं​टीग्रेशन बहुत शानदार है और इसमें वर्ड, एक्सेल और पावर प्वाइंट का उपयोग उसी तरह किया जा सकता है ​जैसा कि पीसी पर। यह काफी सिक्योर भी माना जाता है लेकिन एंडरॉयड के मुकाबले शेयर और सोशल नेटवर्किंग में यह कहीं नही ठहरता।


ऐसे में आप पहले यह तय कर लें कि आपके लिए कौन सा आॅपरेटिंग सिस्टम ज्यादा बेहतर है। आप ज्यादा एप, सोशल नेटवर्किंग, वीडियो और म्यूजिक शेयर इत्यादि पसंद करते हैं तो एंडरॉयड सबसे बेहतर है। वहीं आॅफिस कार्यों के लिए विंडोज और यदि प्रीमियम की चाह रखते हैं तो आईओएस बेहद शानदार है।

स्मार्टफोन में यह भी देखना जरूरी है कि फोन का आॅपरेटिंग नया है या नहीं और इसे कितना अपडेट मिलेगा। क्योंकि पुराना आॅपरेटिंग सिस्टम आधारित यदि फोन लेते हैं तो कुछ ही दिनोें में तकनीकी रूप से यह पीछे हो जाएगा और एप्लिकेशन सपोर्ट भी कम होगा।

2. स्क्रीन


आॅपरेटिंग सिस्टम के बाद बारी आती है स्क्रीन की। आज बाजार में टच स्क्रीन फोन की भरमार है और औसतन 5—इंच के फोन लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे में सबसे पहले जानें कि आपकी जरूरत क्या है। यदि आप फोन में म्यूजिक, थोड़ा इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग का उपयोग करते हैं तो 5—इंच स्क्रीन का फोन बेहतर है। अन्यथा ज्यादा वीडियो और आॅफिस कार्यों का निबटारा करना है तो 5.5—इंच या इससे उपर का स्क्रीन वाला फोन देख सकते हैं। वहीं हथेली यदि छोटी है खास कर महिलाओं के लिए तो 4.5—इंच से 5—इंच तक के स्क्रीन वाले फोन बेहतर कहे जा सकते हैं।

इतना ही नहीं आपको फोन की खरीदारी में स्क्रीन रेजल्यूशन का भी ध्यान रखना है। रेलल्यूशन जितना ज्यादा होगा उतना बेहतर है। यह गेम और एप को सपोर्ट करेगा। इसके साथ ही एमोलेड और गोरिल्ला ग्लास कोटिंग देख लें। स्क्रीन की सुरक्षा के लिए गोरिल्ला ग्लास बेहद जरूरी है।

3. प्रोसेसर व रैम
आज स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा जिक्र प्रोसेसर और रैम का ही होता है। यह जायज भी है। आपके फोन में आॅपरेटिंग से लेकर परफॉर्मेंस और फीचर्स तक प्रोसेसर और रैम पर निर्भर होते हैं। प्रोसेसर फोन को गति प्रदान करता है तो रैम उसे आसानी से कार्यान्वित करने में सहायक बनाता है। इसलिए फोन की खरीदारी से पहले प्रोेसेसर और रैम के बारे में पूरी तरह जानकारी प्राप्त कर लें। प्रोसेसर की ताकत गीगाहर्ट्ज पर निर्भर होती है और कोर उसे ज्यादा स्मार्ट व सक्षम बनाता है। आज फोन पर लोग एक साथ कई कार्य कर रहे होते हैं जिसे हम मल्टीटास्किंग कहते हैं। इसलिए जरूरी है कि ज्यादा कोर वाला फोन लिया जाए।


4. मैमोरी


स्मार्टफोन की खरीदारी में आॅपरेटिंग सिस्टम और प्रोसेसर तो ध्यान देते हैं लेकिन मैमोरी का ध्यान नहीं रखते जब​कि यह भी बेहद जरूरी फीचर है। फोन की इंटरनल मैमोरी जितनी ज्यादा होगी वह उतना बेहतर है। फोन धीमा होना और हैंग होने की समस्या का सबसे बड़ा कारण कम इंटरनल मैमोरी होता है। इंटरनल मैमोरी में ही आॅपरेटिंग सिस्टम सहित अन्य सिस्टम फाइल होते हैंं। ऐसे में जितनी इंटरनल मैमोरी आपको बताई जाती है उससे बहुत कम ही आपको उपयोग के लिए मिलती है। अब जब आप एप, गेम और इंटरनेट का उपयोग करते हैं तो इंटरनल मैमोरी भर जाती है और फोन हैंग होने लगता है। यदि फोन में कार्ड सपोर्ट हो तो भी कम इंटरनल मैमोरी में समस्या हो सकती है।

आज एंडरॉयड फोन में कार्ड में एप इंस्टॉल किया जा सकते हैं लेकिन बावजूद इसके एप इंटरनल मैमोरी का उपयोग करता है। आज आम लोगों की जरूरत को देखते हुए कम से कम फोन में 16जीबी इंटरनल मैमोरी जरूरी है।

5. कैमरा


आॅपरेटिंग सिस्टम और चिपसेट देखने के बाद बारी आती है कैमरे की। फोन में सिर्फ मेगापिक्सल देखकर ही कैमरा का चुनाव बेहतर नहीं है बल्कि आप देखें कि सेंसर कौन सा है, लेजर आॅटो फोकस और ओआईएस जैसे फीचर्स हैं या नहीं। वहीं कम रोशनी में फोटोग्राफी के लिए यह किस तकनीक का उपयोग कर रहा है। सेल्फी कैमरे पर भी ध्यान देना जरूरी है। यह वाइड एंगल हो जिससे कि सेल्फी में ढेर सारे लोगों के साथ आप आ सकें।

6. कनेक्टिविटी
स्मार्टफोन में कनेक्टिविटी के जितने आॅप्शन हों उतना बेहतर है। आज के फोन में 3जी, वाई-फाई और ब्लूटूथ के अलावा 4जी एलटीई होना जरूरी है। इसके साथ ही यदि एनएफसी और फिंगरप्रिंट सेंसर है तो और भी शानदार कहा जाएगा।

7. बैटरी बैकअप


स्मार्टफोन ले रहे हैं तो यह जानकारी जरूर प्राप्त करें कि इसमें कितने एमएएच की बैटरी है। आज 3,000 एमएएच से कम पावर की बैटरी वाला फोन लेना अच्छा सौदा नहीं कहा जाएगा। आप बैटरी बैकअप से परेशान हो जाएंगे। वहीं यदि फास्ट चार्जिंग सपोर्ट है तो बहुत बेहतर है।


8. सर्विस सेंटर


स्मार्टफोन ही नहीं किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स समान की खरीदारी के वक्त सर्विस सेंटर की जानकारी बेहद जरूरी है। स्मार्टफोन की खरीदारी के वक्त जरूर ध्यान दें कि कितनी सर्विस सेंटर है, आपका नजदीकी सर्विस सेंटर कौन सा होगा और सर्विस की स्थिति कैसी है। अन्यथा बाद में बेहद मुश्किल हो सकती है।

9. डिजाइन


जब फोन में सिर्फ कॉलिंग होती थी तो आप ​​डिजाइन देखकर खरीदारी करते थे लेकिन आज डिजाइन अंतिम जरूरत है। क्योंकि ज्यादातर फोन बार डिजाइन में ही हैं। अच्छे और स्टाइलिश कवर लगाकर भी फोन को आकर्षक बनाया जा सकता है। हालांकि डिजाइन देखना इसलिए जरूरी है कि यह आपकी हथेली में आराम से आ रहा है या नहीं और आप सही तरीके से उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं।

10. ब्रांड


अंतत: आप ब्रांड अर्थात कंपनी पर एक नजर मार लें तो ज्यादा बेहतर है। ब्रांड कितना पुराना है। किसी तरह के फोन अब तक रहे हैं और विश्वास करने लायक है या नहीं।

इस तरह आप एक बेहतर स्मार्टफोन की खरीदारी कर सकते हैं।


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